आ गई है चार्ज और फोल्ड होने वाली इलेक्ट्रिक साइकिल
२० अक्टूबर २०१६
यह दुनिया की पहली ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक है जो अपने आप चार्ज हो जाएगी और इसे फोल्ड किया जा सकता है.
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वेलो नाम की यह साइकिल बैट्री से चलती है. और इसकी बैट्री पैडल मारने से चार्ज होती रहती है. इसलिए कंपनी का दावा है कि बैट्री कभी खत्म नहीं होगी. सेल्फ चार्जिंग मोड को डिएक्टिवेट भी किया जा सकता है. और इसे बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है.
वेलो की यह ई-बाइक सिर्फ 12 किलोग्राम की है. इसे अल्ट्रा पोर्टेबल कहा जा रहा है. इसे फोल्ड करके आसानी से एक सूटकेस में रखा जा सकता है ताकि यात्रा पर अपने साथ ले जाया जा सके. वेलो बाइक के सह संस्थापक और डिजायनर वैलेन्टिन वोदेव कहते हैं कि वह एक ऐसी साइकिल बनाना चाहते थे जिसकी तकनीक सबको पछाड़ सके. वादोव कहते हैं, "वेलो बाइक की ज्यादातर ईजाद क्रांतिकारी कही जा सकती हैं."
तस्वीरों में: जर्मनी आते ही लगते हैं ये 10 झटके
वादोव बताते हैं कि साइकिल को फोल्ड करने के लिए जोर आजमाइश भी नहीं करनी होगी. सिर्फ एक बटन दबाने से साइकिल अपने आप फोल्ड हो जाएगी. अब तक जो फोल्डिंग साइकिल बाजार में उपलब्ध हैं उन्हें फोल्ड करने और फिर खोलने में खासी मेहनत करनी पड़ती है.
वेलो बाइक का यह प्रोजेक्ट क्राउडफंडिंग के जरिए चल रहा है. इसके तहत अब तक एक लाख डॉलर जुटाए जा चुके हैं. कंपनी तकनीकी रूप से आधुनिक मोबिलिटी प्रोडक्ट्स बनाती है. एक दशक तक दूसरी कंपनियों के लिए साइकिल, बेबी कैरेज, इलेक्ट्रिक मोपेड आदि बनाने के बाद 2014 में वादोव ने अपनी साथी वैलरी वॉल्फ के साथ मिलकर अपनी कंपनी बनाई. ऑस्ट्रिया की इस कंपनी ने साइकिल उद्योग के जरिए शहरी जिंदगी में क्रांतिकारी बदलावों के प्रयास किए हैं.
वीके/एके (रॉयटर्स)
यह भी देखिए: जर्मनी में साइकिल चलाने के नियम
जर्मनी में साइकिल चलाने के नियम
जर्मनी में साल का वह समय आ गया जब ठंड कम होती है, धूप खिलने लगती है और सड़कों पर ढेरों साइकिल सवार नजर आने लगते हैं. यहां साइकिल चलाने के अपने मजे हैं लेकिन कुछ खास नियमों के साथ.
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लाइसेंस
जर्मनी में नन्हे नन्हे बच्चों को साइकिल चलाना सिखाया जाता है. स्कूलों में 8-9 साल के बच्चों के लिए अधिकारी विशेष साइकिल लाइसेंस कार्यक्रम के तहत उन्हें ट्रैफिक नियमों से अवगत कराते हैं.
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बेहतरीन जगह
हाल में जर्मन शहर म्यूंस्टर को साइक्लिंग के लिए देश का सबसे बढ़िए ठिकाना घोषित किया गया. यह सर्वे जर्मनी के साइक्लिंग क्लब एडीएफसी ने एक लाख साइकिल चलाने वालों से कराया गया.
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अपना रास्ता खुद तय करें
जर्मनी में साइकिल सवारों के लिए विशेष साइक्लिंग ट्रैकों का पूरा नेटवर्क है. इनमें से कई रास्ते आपको हरे भरे जंगलों की सैर कराते हैं. कुछ रास्ते तेज रफ्तार गाड़ियों के मार्ग ऑटोबान के पास से गुजरते हैं.
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राहगीरों के लिए रास्ता
जर्मनी में साइक्लिस्ट उनके लिए बनाए गए खास रास्तों को बड़ी संजीदगी से लेते हैं. इन रास्तों पर किसी का साइकिल से उतर कर पैदल चलना भी वे पसंद नहीं करते, क्योंकि इससे उनकी रफ्तार पर असर पड़ता है. सलाह यही है कि अगर आप ऐसे किसी पैदल चलने वाले को देखें तो उसके साथ विनम्र रहें.
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जर्मनी का सनडे
बसंत आते ही छुट्टी के दिन का मंजर भी अलग ही होता है. साइकिल पर सवार जोड़े चमकीली धूप में एक दूसरे के साथ का आनंद लेते हैं. कई बार तो वे एक जैसी शर्ट्स पहने होते हैं ताकि देखने वालों को भी समझ आ जाए कि वे साथ हैं.
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सही कपड़े
जर्मनी में साइक्लिंग का मतलब है सही कपड़े. कपड़े ऐसे ना हों जिनके साइकिल में कहीं से भी उलझने या फंसने की संभावना हो. अगर कपड़े चुस्त हों तो और भी अच्छा है.
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पहला नियम
जर्मनी में साइकिल चलाने का पहला नियम है कि शराब पीकर साइकिल पर बिल्कुल सवार ना हों. इससे सिर्फ साइकिल सवार को ही नहीं बल्कि आसपास से गुजरने वाले वाहनों को भी खतरा रहता है. और अगर नशे की हालत में साइकिल चलाते पकड़े गए तो लाइसेंस भी जप्त हो सकता है.
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कार से क्या मतलब
जर्मनी में अगर आप साइकिल चलाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आपके पास कार नहीं या फिर आप कार खरीद नहीं सकते. यहां लोग शौकिया और सेहत अच्छी रखने के लिए साइकिल चलाते हैं.
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बस में भी साइकिल
जर्मनी में थक जाने पर आप अपनी साइकिल को अपने साथ बस या ट्राम में भी चढ़ा सकते हैं. हां अगर आपकी साइकिल बहुत बड़ी है और गर्मी और भीड़ बहुत है तो कुछ सहयात्री आपको गुस्से भरी नजरों से देख सकते हैं.