ऑक्सफैम: दुनिया के शीर्ष पांच अरबपतियों की दौलत हुई दोगुनी
१५ जनवरी २०२४
दुनिया में अमीरों और गरीबों के बीच फासला और बढ़ता जा रहा है. ऑक्सफैम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष पांच अरबपतियों की संपत्ति 2020 से दोगुनी हो गई है.
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ब्रिटिश गैर-सरकारी संगठन ऑक्सफैम ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि साल 2020 के बाद से अरबपतियों की संपत्ति और भी बढ़ गई है, जबकि 60 फीसदी आबादी की आय घट गई है. ऑक्सफैम ने सरकारों से "अरबपति वर्ग" पर लगाम लगाने की अपील की है.
यह रिपोर्ट सोमवार को प्रकाशित हुई, जब दुनियाभर के दिग्गज दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भाग लेने के लिए जुट रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के शीर्ष पांच सबसे अमीर व्यक्तियों - इलॉन मस्क, बर्नार्ड अरनॉल्ट, जेफ बेजोस, लैरी एलिसन और मार्क जकरबर्ग - की संयुक्त संपत्ति साल 2020 के बाद 114 फीसदी या 464 अरब डॉलर से बढ़कर 869 अरब डॉलर हो गई है.
ऑक्सफैम का कहना है कि वहीं साल 2020 के बाद से अब तक पांच अरब लोगों की आमदनी घटी है और गरीबों की संख्या बढ़ी है.
21 भारतीयों के पास 70 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति
दावोस में वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम का वार्षिक आयोजन जारी है. इसी दौरान आधिकार संगठन ऑक्सफैम ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें दिए आंकड़े भारत में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते फासले की हैरतअंगेज तस्वीर पेश करते हैं.
तस्वीर: Sotheby´s
आधी जनता के पास बस 3 फीसदी
ऑक्सफैम की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 5 प्रतिशत भारतीयों के पास देश की संपत्ति का 60 प्रतिशत हिस्सा है. जबकि निचले 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की संपत्ति का मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा है.
तस्वीर: Sotheby´s
कितने अमीर हुए अरबपति
ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘सरवाईवल ऑफ़ द रिचस्ट: द इंडिया स्टोरी’ के मुताबिक, 2022 में भारत के सबसे धनी व्यक्ति की संपत्ति 46 प्रतिशत बढ़ी है.
तस्वीर: dapd
धन से आया धन
2012 से 2021 के दौरान भारत में जितना धन बढ़ा, उसका 40 प्रतिशत हिस्सा सबसे धनी एक प्रतिशत लोगों को मिला है. जबकि निचली 50 प्रतिशत जनसंख्या को मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा मिला है.
तस्वीर: Soumyabrata Roy/NurPhoto/IMAGO
64 नए अरबपति
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अरबपतियों की संख्या वर्ष 2020 में 102 से बढ़कर वर्ष 2022 में 166 हो गई. भारत के 100 सबसे धनी लोगों की कुल संपत्ति 54 लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह इतना पैसा है कि डेढ़ साल तक का केंद्रीय बजट इससे बन सकता है.
तस्वीर: Francis Mascarenhas/REUTERS
दोगुनी हुई भुखमरी
रिपोर्ट कहती है कि भूख से त्रस्त भारतीयों की संख्या 2018 में 19 करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर 35 करोड़ हो गई. मौत का शिकार हुए 5 वर्ष से कम आयु वर्ग के 65 प्रतिशत बच्चे इसी कारण मारे गए.
तस्वीर: Subhash Sharma/Zumapress/picture alliance
10 लोगों के पास है 30 साल का बजट
सबसे धनी 10 भारतीयों की कुल संपत्ति 27 लाख करोड़ रुपये हो गई है. पिछले वर्ष से इसमें 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आज की तारीख में यह संपत्ति स्वास्थ्य व आयुष मंत्रालयों के 30 वर्ष के बजट, शिक्षा मंत्रालय के 26 वर्ष के बजट व मनरेगा के 38 वर्ष के बजट के बराबर है.
तस्वीर: Dinodia Photo Library/picture alliance
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अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ने की संभावना
ऑक्सफैम ने पाया कि एक अरबपति या तो बड़ी कंपनियां चलाता है या दुनिया की दस सबसे बड़ी कंपनियों में से सात में प्रमुख शेयरधारक होता है.
एक अनुमान के मुताबिक शीर्ष 148 कंपनियों ने 1.8 ट्रिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया, जो तीन साल के औसत से 52 प्रतिशत अधिक है. इससे शेयरधारकों को भारी रिटर्न मिला, जबकि लाखों श्रमिकों को जीवनयापन संकट का सामना करना पड़ा क्योंकि महंगाई के कारण वास्तविक रूप से वेतन में कटौती हुई.
ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अंतरिम एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अमिताभ बेहर के मुताबित, "यह असमानता कोई संयोग नहीं है, अरबपति वर्ग यह सुनिश्चित कर रहा है मौजूदा व्यवस्था अन्य सभी की कीमत पर उन्हें ज्यादा फायदा पहुंचाएं." उन्होंने कहा, "अरबों लोग महामारी, आर्थिक बदहाली, महंगाई और युद्ध की विभीषिका झेल रहे हैं. वहीं अरबपतियों की संपत्ति में उछाल आ रहा है."
अमीरों के आसमानी ख्वाबों की मार
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ऑक्सफैम ने कहा अरबपतियों पर लगाम लगाएं सरकारें
असंतुलन को दूर करने के लिए ऑक्सफैम ने सरकारों से एकाधिकार को तोड़कर, अतिरिक्त मुनाफे और धन पर टैक्स लगाने और शेयरधारक नियंत्रण के वैकल्पिक तरीकों को अपनाकर कॉर्पोरेट शक्ति को सीमित करने का आग्रह किया.
ऑक्सफैम ने कहा, "कॉर्पोरेट शक्ति का इस्तेमाल कर, श्रमिकों को दबाकर, शेयरधारक धन में वृद्धि, टैक्स छूट का फायदा लेकर और सरकारी कंपनियों का निजीकरण करके अमीर लोग अपनी संपत्ति को बढ़ा रहे हैं."
ऑक्सफैम ने कहा, "दुनिया भर में निजी सेक्टर कम टैक्स दरों, व्यवस्था की खामियों और कम पारदर्शिता और अन्य उपायों पर जोर दिया है ताकि कंपनियों को सरकारी खजाने में कम योगदान देना पड़े." ऑक्सफैम का कहना है कि इससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, जबकि यही पैसा गरीबों के कल्याण के लिए खर्च हो सकता है.
एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)
इन पांच देशों में बस रहे हैं सबसे ज्यादा करोड़पति
ब्रिटेन की हेनली एंड पार्टनर्स नामक कंपनी की रिपोर्ट कहती है कि 2023 में एक लाख 20 हजार करोड़पति अपना देश छोड़कर किसी और देश में रहने चले गए. ये पांच अमीरों के सबसे पसंदीदा देश बने.
तस्वीर: Oanh/Image Source/IMAGO
ऑस्ट्रेलिया टॉप पर
पिछले साल सबसे ज्यादा 5,200 करोड़पति अपना देश छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में बस गए. ऑस्ट्रेलिया लगातार अमीरों की पसंद रहा है. पिछले दो दशक में वहां बड़ी संख्या में अमीर बसे हैं और यह संख्या और बढ़ने का अनुमान है.
तस्वीर: Oanh/Image Source/IMAGO
यूएई
संयुक्त अरब अमीरात अमीरों की दूसरी सबसे बड़ी पसंद है. 2023 में वहां 4,500 करोड़पतियों ने अपना घर बसाया है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. रिपोर्ट का अनुमान है कि इनमें सबसे ज्यादा भारतीय थे.
तस्वीर: RYAN LIM/AFP via Getty Images
अमेरिका
अमेरिका को लेकर अमीरों में आकर्षण अभी भी बरकरार है. वहां पिछले साल 2,100 करोड़पति बसे हैं. इनमें से ज्यादातर एशिया से थे.
तस्वीर: Bruno Coelho/Zoonar/picture alliance
सिंगापुर
सिंगापुर कई सालों से अमीरों की पसंद रहा है. 2023 में वहां 3,200 करोड़पतियों के बसने का अनुमान है. हेनली एंड पार्टर्नस के मुताबिक एक मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी लगभग नौ करोड़ रुपये की संपत्ति वाले लोगों को करोड़पति कहा जाता है.
तस्वीर: Dasril Roszandi/NurPhoto/picture alliance
स्विट्जरलैंड
यूरोप में अमीरों की सबसे बड़ी पसंद स्विट्जरलैंड रहा है. 2023 में वहां 1,800 करोड़पतियों के बसने का अनुमान है.