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समाजभारत

ओटीटी पर अश्लील कंटेट की जांच पर जोर देता भारत

१४ जुलाई २०२३

भारत में ऑवर द टॉप या ओटीटी पर अश्लीलता के बढ़ते मामले के बीच सरकार ने स्ट्रीमिंग कंपनियों से कंटेंट की जांच करने को कहा है. हाल के समय में देश में ओटीटी को लेकर नियम सख्त किए गए हैं.

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तस्वीर: Daniel Reinhardt/dpa/picture alliance

भारत सरकार ने नेटफ्लिक्स, डिज्नी हॉटस्टार और अन्य स्ट्रीमिंग कंपनियों से कहा है कि ऑनलाइन दिखाए जाने से पहले सामग्रियों की अश्लीलता की स्वतंत्र रूप से समीक्षा की जानी चाहिए. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस संबंध में सरकारी दस्तावेज और सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय में 20 जून की बैठक में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्मों को यह प्रस्ताव दिया गया था.

बैठक के मिनट्स और इस बैठक में शामिल उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्मों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी और इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया था. बैठक के बारे में बातें सार्वजनिक नहीं है लेकिन मिनट्स रॉयटर्स द्वारा देखे गए हैं. उसमें मंत्रालय ने "ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील और अभद्र सामग्री के बारे में चिंताओं को रेखांकित किया, जैसा कि संसद सदस्यों, नागरिक समूहों और आम जनता द्वारा जाहिर किया जाता रहा है."

तेजी से बढ़ता भारत का स्ट्रीमिंग बाजार

मीडिया पार्टनर्स एशिया के मुताबिक नेटफ्लिक्स और अमेजन भारत में बेहद लोकप्रिय हो गए हैं. अनुमान है कि साल 2027 तक भारत का ओटीटी बाजार सात अरब डॉलर का हो जाएगा.

ओटीटी पर परोसे जाने वाले शो और फिल्मों में बॉलीवुड के बड़े एक्टर्स नजर आते हैं. कई बार इन शो और फिल्मों को लेकर आपत्ति जताई जाती रही है. कुछ सीन्स को लेकर भारत में हंगामा भी हो जाता है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं.

भारतीय सिनेमाघरों में आने वाली फिल्मों के लिए सर्टिफिकेट जरूरी होता है. ये सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड जारी करता है, लेकिन स्ट्रीम होने वाली सामग्री के लिए ऐसा कुछ नहीं है.

ओटीटी पर बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों के शो और फिल्में भी आती हैंतस्वीर: IANS/Amazon

स्वतंत्र पैनल से समीक्षा की मांग

बैठक में शामिल होने वाले दो लोगों ने कहा कि बैठक में अधिकारियों ने ओटीटी इंडस्ट्री से सामग्री की समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र पैनल पर विचार करने के लिए कहा ताकि अनुचित सामग्री को हटाया जा सके.

मीटिंग मिनट्स को देखने पर चलता है कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए "अधिक सक्रिय दृष्टिकोण" की आवश्यकता पर जोर दिया कि स्ट्रीमिंग सामग्री, "अंतरराष्ट्रीय सामग्री समेत" कथित नैतिक संहिता के मुताबिक हो.

बैठक में अमेजन, डिज्नी, नेटफ्लिक्स, रिलायंस की ब्रॉडकास्ट इकाई वायकॉम 18 और एप्पल टीवी ने हिस्सा लिया. मीटिंग में हिस्सा लेने वाली कंपनियों और मंत्रालय ने रॉयटर्स की टिप्पणी के अनुरोध पर प्रतिक्रिया नहीं दी.

कंटेंट को कंट्रोल करने की कोशिश?

इस तरह के मु्द्दे पर यह चर्चाएं भारत के तेजी से बढ़ते स्ट्रीमिंग बाजार की बढ़ती जांच का संकेत देती है. यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब सरकार ने पहले ही ओटीटी पर तंबाकू के खिलाफ 50 सेकंड की चेतावनी देने का आदेश दे चुकी है.

आदेश के मुताबिक तंबाकू प्रोडक्ट्स या उनके इस्तेमाल को प्रदर्शित करने वाली सामग्री के लिए ओटीटी प्लेटफार्मों को तंबाकू विरोधी हेल्थ स्पॉट जोड़ने की जरूरत है, जो कार्यक्रम की शुरुआत और बीच में कम से कम तीस सेकंड तक चले.

सरकारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि जब उत्पाद या इसका इस्तेमाल दिखाया जाए तो प्रकाशकों को स्क्रीन के नीचे एक प्रमुख स्थिर संदेश के रूप में तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनियों को दिखाना होगा.

इसके अलावा तंबाकू के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों पर कम से कम बीस सेकेंड वाला ऑडियो-विजुअल डिस्क्लेमर कार्यक्रम के शुरुआत और बीच में भी दिखाना जरूरी कर दिया गया है.

स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत के स्ट्रीमिंग नियम दुनिया में सबसे सख्त नियमों में से हैं.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ महीने पहले एक बयान में कहा था कि क्रिएटिविटी के नाम पर गाली-गलौज बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा था ओटीटी पर बढ़ती गाली-गलौज और अश्लील कंटेंट की शिकायतों पर सरकार गंभीर है.

आमिर अंसारी (रॉयटर्स)

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