पार्टी कांग्रेस में शी का भाषणः धमकियां, सपने और वादे
१७ अक्टूबर २०२२
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि ताइवान के मसले पर फैसला करने का हक सिर्फ चीनियों को है और जरूरत पड़ी तो बलप्रयोग भी किया जाएगा. ताइवान की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है.
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रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कम्यूनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेसका उद्घाटन किया. अपने भाषण में शी ने कहा कि ताइवान का एकीकरण उनका मकसद है जिसके लिए वह बल प्रयोग से भी नहीं झिझकेंगे.
शी ने कहा, "हम पूरी ईमानदारी के साथ शांतिपूर्ण एकीकरण की तमाम कोशिशें करते रहना चाहते हैं. लेकिन हम बल प्रयोग के विकल्प को खारिज नहीं कर रहे हैं और सभी जरूरी कदम उठाने के विकल्प को अपने पास सुरक्षित रखते हैं.” शी ने आगे कहा कि ताइवान के मसले का हल चीनियों को निकालना है.
चीन की धमकी
शी ने कहा कि ताइवान का एकीकरण तो होकर रहेगा. उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय एकीकरण और कायाकल्प का ऐतिहासिक पहिया घूमना शुरू हो चुका है. एकीकरण होना ही चाहिए और एकीकरण निश्चित तौर पर होकर रहेगा.”
शी की इस टिप्पणी पर ताइवान में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. उसने कहा है कि ताइवान अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र से समझौता नहीं करेगा और संप्रभुता को नहीं छोड़ेगा. ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने जोर देकर कहा कि ताइवान खाड़ी और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की जिम्मेदारी दोनों पक्षों की है और जंग कोई विकल्प नहीं है.
मेलबर्न यूनिवर्सिटी के एशिया इंस्टीट्यूट में ऑनरेरी फेलो कॉनली टाइलर कहती हैं कि शी के भाषण में कुछ भी अनपेक्षित नहीं था. डीडब्ल्यू हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा, “उन्होंने चीन के लंबे समय से बने रुख को ही दोहराया है और वह देश के पूर्ण एकीकरण को लेकर स्पष्ट हैं. जिस तरह उन्होंने ‘इतिहास के पहिए’ का जिक्र किया है उसमें चीन के अधिमान्य परिणाम के अटल होने का भाव आता है. उन्होंने किसी भी तरह की बाधा को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि एकीकरण तो बिना किसी संदेह के हासिल किया जाएगा.”
कॉनली टाइलर के मुताबिक चीनी नेता के भाषण की सबसे डरावनी बात यह है कि यह वास्तविक जमीनी सच्चाइयों से पूरी तरह कटा हुआ है और इस वजह से ताइवान विनाशकारी खतरे वाला विवाद बना रहेगा. वह बताती हैं, “राष्ट्रपति शी ने कहा कि ताइवान के अधिकतर लोग एकीकरण का समर्थन करते हैं जबकि समस्या कुछ प्रदर्शनकारियों और विदेशी दखलअंदाजों को है. सर्वेक्षण का डाटा दिखाता है कि ताइवान का विशाल बहुमत स्वतंत्रता का समर्थक है, चाहे वह मौजूदा यथास्थिति के रूप में हो या इससे ज्यादा भी, बशर्ते कोई युद्ध ना हो. एक छोटा तबका तो ऐसा भी है जो चीन की प्रतिक्रिया की परवाह किए बगैर स्वतंत्रता घोषित करने को तैयार है.”
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चीन के कायाकल्प का सपना
कांग्रेस में राष्ट्रपति शी ने ‘चीनी राष्ट्र के कायाकल्प के लिए' सैन्य और तकनीक विकास की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी को, जो कि कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा है, "चीन के सम्मान और मूल हितों” की रक्षा करनी है.
चीन कई देशों के साथ सीमा विवादों में उलझा है जिनमें भारत और जापान के अलावा दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भी शामिल हैं. हाल के दिनों में उसने अपनी नौसैनिक तैयारियों को लगातार पुख्ता किया है और उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना तैयार हो रही है.
बीजिंग के कुख्यात तियानमन चौक पर ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल' में हो रही कांग्रेस में अपने उद्घाटन भाषण में शी ने कम्युनिस्ट पार्टी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि पार्टी ने देश की सुरक्षा, लोगों के जीवन की रक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए खूब काम किया है. साथ ही उन्होंने हांग कांग में स्थिति को कथित रूप से नियंत्रण में लाने के लिए भी अपनी पीठ थपथपाई. 2019 में हांग कांग में लोकतंत्र समर्थकों ने विशाल विरोध प्रदर्शन किए थे जिनका सख्ती से दमन किया गया और लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रखकर कई कानून पास किए गए.
शी जिनपिंग ने चीन की सत्ता को अपनी मुट्ठी में कैसे किया
20वीं पार्टी कांग्रेस में शी जिनपिंग को तीसरी बार देश का राष्ट्रपति चुने जाने के पक्के आसार हैं. इसके साथ ही वो माओ त्से तुंग के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता होंगे. साम्यवादी देश में जिनपिंग ने यह सब कैसे संभव किया.
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पार्टी के शीर्ष नेता और देश के राष्ट्रपति
शी जिनपिंग एक दशक पहले चीन के शीर्ष नेता बने जब कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं कांग्रेस में उन्हें पार्टी महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग का चेयरमैन बनाया गया. कुछ ही महीनों बाद वो देश के राष्ट्रपति बने.
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सामूहिक नेतृत्व से सुप्रीम लीडरशिप की ओर
शी ने बीते सालों में अपने कुछ खास कदमों और गुजरते समय के साथ धीरे धीरे अपनी ताकत बढ़ाई है. चीन में सामूहिक नेतृत्व की परंपरा रही है जिसमें महासचिव पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में समान लोगों में प्रथम होता है लेकिन अब शी के उदय के साथ देश सुप्रीम लीडरशीप की ओर बढ़ रहा है.
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आर्थिक नीतियों पर पकड़
चीन में आर्थिक नीतियां बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री पर रहती आई थी लेकिन अलग अलग समूहों के चेयरमैन के रूप में शी जिनपिंग ने यह जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली. इनमें 2012 में शी के सत्ता में आने के बाद बनी "सुधार और खुलापन" नीति और आर्थिक मामलों से जुड़ा एक पुराना समूह भी शामिल था.
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विश्वासघाती, भ्रष्ट और बेकार अफसरों पर कार्रवाई
सत्ता में आने के बाद शी ने भ्रष्ट, विश्वासघाती और बेकार अफसरों पर कार्रवाई के लिए एक अभियान चलाया और इनकी खाली हुई जगहों पर अपने सहयोगियों को बिठाया. इस कदम से उनकी ताकत का आधार कई गुना बढ़ गया. इस दौरान करीब 47 लाख लोगों के खिलाफ जांच की गई.
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भरोसेमंद लोगों की नियुक्ति
शी ने पार्टी के मानव संसाधन विभाग का प्रमुख अपने भरोसेमंद लोगों को बनाया. संगठन विभाग के उनके पहले प्रमुख थे झाओ लेजी, जिनके पिता ने शी के पिता के साथ काम किया था. उनके बाद 2017 में चेन शी ने यह पद संभाला जो शी के शिनघुआ यूनिवर्सिटी में सहपाठी थे.
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सेना पर नियंत्रण
2015 में शी जिनपिंग ने चीन की सेना में व्यापक सुधारों की शुरुआत की और इसके जरिये इस पर भरपूर नियंत्रण हासिल किया. इस दौरान इसमें काफी छंटनी भी हुई. सेना पर नियंत्रण ने शी जिनपिंग की मजबूती और बढ़ाई.
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घरेलू सुरक्षा तंत्र की सफाई
शी जिनपिंग ने घरेलू सुरक्षा तंत्र में व्यापक "सफाई" अभियान की शुरुआत की. इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में बहुत सारे जजों और पुलिस प्रमुखों ने अपनी नौकरी गंवाई. सत्ता तंत्र पर नियंत्रण की दिशा में यह कदम भी बहुत कारगर साबित हुआ.
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संसद और सुप्रीम कोर्ट की सालाना रिपोर्ट
2015 में राष्ट्रपति जिनपिंग ने चीन की संसद, कैबिनेट और सुप्रीम कोर्ट समेत दूसरी संस्थाओं को अपने कामकाज की सालाना रिपोर्ट के बारे में उन्हें ब्यौरा देने का आदेश दिया.
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मीडिया पर लगाम
2016 में शी जिनपिंग ने सरकारी मीडिया को पार्टी लाइन पर चलने का हुक्म दिया इसके मुताबिक उनका "सरनेम पार्टी है." इसके बाद से मीडिया की आजादी तेजी से घटी और शी से संबंधित प्रचार तेजी से बढ़ा.
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पार्टी के सारतत्व
2016 में शी जिनपिंग ने खुद को औपचारिक रूप से पार्टी के "सारतत्व" के रूप में स्थापित किया. पार्टी में इसे सर्वोच्च नेता कहा जाता है.
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पार्टी के संविधान में संशोधन
शी जिनपिंग ने 2017 में पार्टी के संविधान में संशोधन कर चीनी स्वभाव में समाजवाद पर अपने विचार को जगह दी. इस लिहाज से वो पार्टी के शीर्ष पर मौजूद नेताओं माओ त्से तुंग और डेंग शियाओपिंग की कतार में आ गये.
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पार्टी ही सबकुछ
2017 में उन्होंने चीन में पार्टी की भूमिका सर्वोच्च कर दी. शी जिनपिंग ने एलान किया, "पार्टी, सरकार, सेना, लोग, शिक्षा, पूरब, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, मध्य, हर चीज में नेतृत्व पार्टी ही करेगी."
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राष्ट्रपति का कार्यकाल
2018 में चीन के संविधान में संशोधन कर उन्होंने राष्ट्रपति के लिए दो बार के निश्चित कार्यकाल की सीमा खत्म कर दी. इसके साथ ही जिनपिंग के लिए जीवन भर इस पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया.
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पार्टी की वफादारी
2021 में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित कर पार्टी ने "टू एस्टबलिशेज" पर सहमति की मुहर लगा दी. इसके जरिये पार्टी ने शी जिनपिंग के प्रति वफादार रहने की शपथ ले ली. माओ त्से तुंग के बाद चीन में अब सिर्फ शी जिनपिंग हैं.
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शी ने कहा कि पार्टी ने "मानव इतिहास में गरीबी के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई” जीत ली है. इसका श्रेय उन्होंने अपनी घरेलू नीतियों को दिया जिनका मकसद "साझा उन्नति” है. उन्होंने कहा कि सरकार घर-व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया को तेज करना चाहती है और धन के बंटवारे की व्यवस्था को भी बढ़ाना चाहती है.
चीनी राष्ट्रपति ने देश की घटती जन्मदर पर भी बात की और कहा कि इस मसले को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाएंगी. उन्होंने कहा, "हम जन्मदर बढ़ाने के लिए एक नीतिगत व्यवस्था बनाएंगे और देश की बूढ़ी होती आबादी के संदर्भ में एक सक्रिय राष्ट्रीय रणनीति तैयार करेंगे.”
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को घटती जन्मदर के कारण खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है. हाल के बरसों में चीन ने अपने एक परिवार, एक बच्चा नीति को उलटते हुए लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया है.
ऐतिहासिक तीसरी बार राष्ट्रपति
शी जिनपिंग लगातार दो कार्यकाल से पार्टी महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष हैं जो कि चीन का सबसे शक्तिशाली पद है.. उनका तीसरी बार इन पदों के लिए नियुक्त होना तय है. किसी चीनी कम्युनिस्ट नेता के लिए यह ऐतिहासिक होगा. 2018 में शी ने किसी व्यक्ति के दो से ज्यादा बार राष्ट्रपति बनने के नियम को खुद ही हटा दिया था.
कौन कौन अचानक गायब हुआ चीन में
हाल ही में चीन की स्टार टेनिस खिलाड़ी पेंग श्वाइ एक पूर्व उप-प्रधानमंत्री पर यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद अचानक गायब हो गईं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ. चीन में इससे पहले भी कई जाने माने लोग अचानक गायब हो गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Onorati
पेंग श्वाइ, टेनिस खिलाड़ी
दो नवंबर को पेंग श्वाइ ने देश के एक पूर्व उप-प्रधानमंत्री जांग गाओली पर उनका यौन शोषण करने के आरोप लगाए थे. चीनी सोशल मीडिया मंच वेइबो पर यह लिखने के बाद वो दो हफ्तों तक दिखाई नहीं दीं और उनकी सुरक्षा के बारे में सवाल उठने लगे. वीकेंड पर वो बीजिंग में फिर सामने आईं और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक से वीडियो कॉल पर बात की. हालांकि उनकी सुरक्षा को ले कर अभी भी चिंताएं मौजूद हैं.
तस्वीर: Bai Xue/Xinhua/picture alliance
रेन जिकियांग, रियल एस्टेट उद्योगपति
उद्योगपति रेन जिकियांग को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुखर आलोचक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने फरवरी 2020 में एक लेख में चीनी सरकार की कोविड की रोकथाम में असफल होने पर आलोचना की और शी को "जोकर" कहा. इस लेख के छपने के बाद उन्हें सार्वजनिक तौर पर कहीं नहीं देखा गया. बाद में उसी साल उन्हें भ्रष्टाचार के लिए 18 साल कारावास की सजा सुना दी गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Color China Photo
चेन क्यूशी, वकील और सिटीजन जर्नलिस्ट
2020 की शुरुआत में चेन क्यूशी कोविड महामारी की छानबीन करने वुहान गए थे और शहर के हालात पर कई वीडियो बनाए थे. फरवरी में उन्हें सरकारी अधिकारी ले गए और फिर उन्हें करीब 600 दिनों बाद देखा गया. वो कहते हैं कि इस दौरान उनके साथ जो भी हुआ उनमें से कुछ चीजों के बारे में तो बात की जा सकती है, लेकिन कुछ और चीजों का जिक्र नहीं किया जा सकता है.
तस्वीर: Privat
लू गुआंग, फोटोग्राफर
लंबे समय से अमेरिका में रह रहे चीनी फोटोग्राफर लू गुआंग 2018 के अंत में चीन के शिंकियांग प्रांत में यात्रा कर रहे थे जब उन्हें सरकारी अधिकारी ले गए. मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गया और उनके गायब होने की बहुत आलोचना की गई. सितंबर 2019 में उनकी पत्नी ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें कुछ महीनों पहले छोड़ दिया गया था और वो अब सुरक्षित हैं.
तस्वीर: Xu Xiaoli
मेंग होंगवेई, इंटरपोल के पूर्व अध्यक्ष
अक्टूबर 2018 में इंटरपोल के पहले चीनी अध्यक्ष मेंग होंगवेई अपने कार्यकाल के बीच में ही अपनी चीन यात्रा के दौरान गायब हो गए. बाद में पता चला कि उन्हें रिश्वत लेने और दूसरे आरोपों के तहत हिरासत में ले लिया गया है. फिर इंटरपोल ने घोषणा की कि मेंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बाद में उन्हें 13 साल कारावास की सजा सुनाई गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Rahman
आई वेईवेई, कलाकार और ऐक्टिविस्ट
आई वेईवेई चीन के सबसे मशहूर कलाकार और राजनीतिक ऐक्टिविस्टों में से हैं. 2011 में उन्हें बीजिंग हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया और बिना आरोप बताए 81 दिनों तक हिरासत में रखा गया था. 2015 में उन्हें चीन छोड़ कर जाने की अनुमति मिली जिसके बाद वो पहले जर्मनी और फिर यूके गए. 2021 से वो पुर्तगाल में रह रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Sommer
जैक मा, अरबपति टेक उद्योगपति
अली बाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा ने अक्टूबर 2020 में एक भाषण में चीन के नियामकों की आलोचना की थी. उसके बाद वो गायब हो गए. ऐसी अफवाहें उड़ीं कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया है लेकिन उनके मित्र कहते रहे कि यह सच नहीं है और उन्होंने कुछ दिन चुप रहने का फैसला किया है. दो महीनों बाद उन्हें एक वीडियो में देखा गया, लेकिन उन्होंने अपने गायब होने के बारे में कुछ नहीं कहा.
तस्वीर: Blondet Eliot/ABACA/picture alliance
जाओ वेई, मशहूर अभिनेत्री और अरबपति
जाओ वेई को अगस्त 2021 के बाद से सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है. उनकी फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों को भी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं से बिना कोई कारण दिए हटा दिया गया है. यहां तक कि फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों के क्रेडिट्स तक से उनका नाम हटा दिया गया है. सितंबर में पूर्वी चीन में उन्हें देखे जाने की खबर आई थी, लेकिन उनका सही ठिकाना किसी को नहीं मालूम.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Onorati
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पार्टी कांग्रेस के आखिरी दिन वह सात लोगों के समूह यानी पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी का ऐलान कर सकते हैं. साथ ही वह प्रधानमंत्री ली केकियांग का उत्तराधिकारी भी चुनेंगे.
पार्टी कांग्रेस एक दशक में दो बार होती है. एक हफ्ते तक चलने वाले इस आयोजन में देश भर से 2,300 कार्यकर्ता शामिल हुए हैं.