अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के एक ही महीने बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वियतनाम के दौरे पर पहुंचे हैं. छह साल बाद चीनी राष्ट्रपति वियतनाम का दौरा कर रहे हैं.
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को वियतनाम के दौरे पर पहुंच रहे हैं, जहां हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यात्रा की थी. अमेरिका और वियतनाम के बीच हाल के समय में काफी करीबी आई है और विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन एक कम्यूनिस्ट देश में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को रोकना चाहता है.
शी जिनपिंग छह साल बाद वियतनाम के दौरे पर हैं. वियतनाम लंबे समय से ‘बैम्बू डिप्लोमेसी' की नीति पर चला है यानी दोनों महाशक्तियों से अच्छे संबंध रखे जाएं. जब अमेरिकी राष्ट्रपति वहां के दौरे पर थे तो वियतनाम ने दक्षिणी चीन सागर में चीन के दबदबे को लेकर चिंता जताई थी. दूसरी तरफ चीन के साथ उसके गहरे आर्थिक संबंध भी हैं.
कांच के फर्श वाला दुनिया का सबसे लंबा पुल
कांच के फर्श वाले दुनिया के सबसे लंबे पुल का तमगा वियतनाम ने चीन से छीन लिया है. वहां सबसे लंबा पुल बनाया गया है, जिसका नाम है सफेद ड्रैगन.
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS
यह है सफेद ड्रैगन
यह है कांच के फर्श वाला दुनिया का सबसे लंबा पुल. वियतनाम में हाल ही में खोले गए इस पुल को नाम दिया गया है बाख लोंग, जिसका अर्थ होता है सफेद ड्रैगन.
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS
वर्षावन के ऊपर
बाख लोंग 150 मीटर की ऊंचाई पर है. यह एक वर्षावन के ऊपर से गुजरता है, जो सोन ला प्रांत में है. यह मोक चाऊ द्वीप पर है.
तस्वीर: Minh Nguyen/REUTERS
आधा किलोमीटर से भी ज्यादा लंबाई
इस पुल के जरिए लोगों को 630 मीटर लंबी एक बेहद रोमांचक पैदल यात्रा का मौका मिलता है, जो घाटी के ऊपर से दो हिस्सों को जोड़ती है.
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS
450 लोगों का भार
पुल के फर्श को टेंपर्ड ग्लास से बनाया गया है जो एक बार में 450 लोगों का भार सहन कर सकता है. ब्रिज को चलाने वाली कंपनी के प्रवक्ता होआंग मान डुई कहते हैं, "लोग इस पुल पर खड़े होकर नीचे कुदरती खूबसूरती को निहार पाएंगे."
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS
चीन से छीना तमगा
अधिकारियों के मुताबिक यह अब दुनिया का सबसे लंबा कांच का पुल बन गया है, जो तमगा पहले चीन के ग्वांगदोंग में बने पुल को हासिल था. जल्द ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी इसका दौरा करेंगे.
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS
बड़ा पुल, बड़ी उम्मीदें
वियतनाम को इस पुल से बड़ी उम्मीदें हैं. देश उम्मीद कर रहा है कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक इस पुल को देखने खिंचे चले आएंगे.
तस्वीर: Minh Nguyen/REUTERS
डर-डर कर चलते लोग
खुलने के साथ ही देसी पर्यटकों को तो इस पुल ने खासा आकर्षित किया है. पुल पर डर-डर कर चलते लोगों के वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं.
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS
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चीन और वियतनाम के बीच पहले से ही ‘समग्र रणनीतिक साझेदारी' समझौता है जिसके तहत चीन को सर्वोच्च कूटनीतिक साझीदार का दर्जा मिला हुआ है. सितंबर में अमेरिका के साथ भी उसने ऐसा ही समझौता कर लिया.
वियतनाम को करीब लाने की कोशिश
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति की यात्रा "चीन और वियतनाम के रिश्तों को और ऊंचे दर्जे पर” ले जाएगी. इस बयान का यह अर्थ माना जा रहा है कि शी वियतनाम को अपने उस समूह में शामिल होने को बोल सकते हैं, जहां चीन के वे सारे साझीदार एक साथ हैं जो आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक मुद्दों पर एक जैसा दृष्टिकोण रखते हैं.
वांग ने कहा कि शी के दौरे पर एजेंडे में "राजनीतिक, सुरक्षा, व्यवहारिक सहयोग, जनता के बीच आमराय बनाना और समुद्री सहयोग” जैसे मुद्दे शामिल हैं. शी बुधवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन चिन और राष्ट्रपति वो वान थूंग से मिलेंगे. वह राजधानी में वियतनाम के क्रांतिकारी नेता हो चीन मिन के स्मारक पर भी जाएंगे.
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दक्षिणी चीन सागर में तनाव
दो दिन का यह दौरा तब हो रहा है जब चीन और फिलीपींस के बीच राजनीतिक तनावचरम पर है. दक्षिणी चीन सागर में दोनों देशों के बीच कई झड़पें हो चुकी हैं. सोमवार को फिलीपींस ने आरोप लगाया था कि एक चीनी नौसैनिक जहाज ने उसकी नौकाओं पर पानी की बौछार की.
इसके बाद फिलीपींस ने चीन के राजदूत को समन भी किया था और उन्हें निष्कासन की धमकी तक दी थी.
ऐसे माहौल में चीन के लिए वियतनाम अहम हो जाता है क्योंकि मलयेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ वह भी दक्षिणी चीन सागर में कई द्वीपों पर दावा जताता है.
अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध
अमेरिका ने सबसे ज्यादा समय तक किसी विदेशी धरती पर युद्ध लड़ा है तो वह है अफगानिस्तान. अमेरिका 9/11 के आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान पर धावा बोला था. तस्वीरों में देखिए अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध.
तस्वीर: U.S. Central Command/dpa/picture alliance
अफगानिस्तान युद्ध
अफगानिस्तान में अमेरिका का अभियान साल 2001 से शुरू होकर 2021 में खत्म हुआ. यह करीब 20 साल तक चला. अफगानिस्तान में 2400 के करीब अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई जबकि 20,660 अमेरिकी सैनिक युद्ध के दौरान घायल हुए. तालिबान का कहना है कि उसकी जंग में जीत हुई है.
तस्वीर: Isaiah Campbell/US MARINE CORPS/AFP
वियतनाम युद्ध
वियतनाम में 1964 तक सीआईए और दूसरे स्रोतों से मिली जानकारी को ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम में लुकी छिपी जंग शुरू कर दी. जमीन पर 1965 में युद्ध तेज हुआ और 1969 में चरम पर पहुंचा. उस समय तक करीब साढ़े पांच लाख सैनिक इसमें शामिल हो चुके थे. 10 साल की लड़ाई और 58,000 अमेरिकी सैनिकों के मरने के बाद 30 अप्रैल 1975 को साइगोन (हो-ची मिन्ह सिटी) पर वियतनाम का कब्जा हो गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/UPI
इराक युद्ध
इराक में अमेरिकी फौज साल 2003 से लेकर 2012 तक जंग लड़ी. अमेरिकी हमले के बाद इराक को सद्दाम हुसैन से छुटकारा तो मिला लेकिन लाखों लोग युद्ध के बाद मारे गए. अमेरिका का आरोप था कि इराक के पास सामूहिक विनाश के हथियार हैं. हालांकि इसको साबित नहीं कर पाया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S.Zaklin
द्वितीय विश्व युद्ध
अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में 8 सितंबर 1941 को प्रवेश किया और 1945 तक युद्ध में रहा. करीब तीन साल 8 महीने अमेरिका ने जंग में भाग लिया और उस दौरान हजारों अमेरिकी सैनिक मारे गए.
तस्वीर: picture alliance/Usis-Dite/Lee
कोरियाई युद्ध
अमेरिका ने कोरियाई युद्ध 1950 से लेकर 1953 तक लड़ा. यह युद्ध 3 साल एक महीने तक चला था.
तस्वीर: picture-alliance/CPA Media/Pictures From History
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चीन ने पिछले एक दशक में दक्षिणी चीन सागर में अपनी सीमा का काफी विस्तार किया है. उसने कई सैन्य द्वीप बनाए हैं, जहां हवाई अड्डे और राडार सिस्टम तक तैयार हैं. वियतनाम आसियान के उन कई सदस्य देशों में से है जिन्होंने पिछले महीने जारी चीन के नए नक्शे पर आपत्ति जताई थी. इस नक्शे में दक्षिणी चीन सागर के बड़े हिस्से को उसने अपनी सीमा में दिखाया था.
दुर्लभ खनिजों की जरूरत
सितंबर में जब बाइडेन ने वियतनाम का दौरा किया तो कुछ विश्लेषकों का कहना था कि शी भी वियतनाम के साथ रिश्ते मजबूत करने की कोशिश करेंगे. खासतौर पर दुर्लभ खनिजों के मामले में दोनों देशों के बीच सहयोग हो सकता है क्योंकि चीन को स्मार्ट फोन और इलेक्ट्रिक बैट्री जैसी उच्च तकनीक वाली मशीनें बनाने के लिए इन खनिजों की जरूरत है.
वियतनाम के सरकारी मीडिया ने पिछले महीने खबर छापी थी कि चाइना रेयर अर्थ ग्रुप नामक कंपनी वियतनाम की खनन कंपनी विनाकोमिन के साथ काम करने के अवसर तलाश रही है. अमेरिका ने सितंबर में दुर्लभ खनिजों के दोहन और विकास पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई थी.