चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान वित्त और व्यापार क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है. लेकिन कमजोर आर्थिक विकास से जूझ रहे चीन के लिए यह खतरनाक भी हो सकता है.
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चीनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान कम्युनिस्ट पार्टी से लेकर, सेना और फुटबॉल टीम तक बहुत से क्षेत्रों में कोहराम मचा चुका है. अब बारी वित्त और व्यापार क्षेत्र की है. लेकिन यह आशंका लोगों को डरा रही है कि अगर व्यापारिक क्षेत्रों पर किसी तरह की भ्रष्टाचार-रोधी कार्रवाई की जाती है तो उसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है, जो पहले से ही धीमी हो रही है.
एक दशक पहले सत्ता में आने के बाद शी ने+ देशभर में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ तेज अभियान छेड़ा था. 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक इस अभियान के तहत अब तक 47 लाख लोगों को सजा दी जा चुकी है.
शी जिनपिंग ने चीन की सत्ता को अपनी मुट्ठी में कैसे किया
20वीं पार्टी कांग्रेस में शी जिनपिंग को तीसरी बार देश का राष्ट्रपति चुने जाने के पक्के आसार हैं. इसके साथ ही वो माओ त्से तुंग के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता होंगे. साम्यवादी देश में जिनपिंग ने यह सब कैसे संभव किया.
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पार्टी के शीर्ष नेता और देश के राष्ट्रपति
शी जिनपिंग एक दशक पहले चीन के शीर्ष नेता बने जब कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं कांग्रेस में उन्हें पार्टी महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग का चेयरमैन बनाया गया. कुछ ही महीनों बाद वो देश के राष्ट्रपति बने.
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सामूहिक नेतृत्व से सुप्रीम लीडरशिप की ओर
शी ने बीते सालों में अपने कुछ खास कदमों और गुजरते समय के साथ धीरे धीरे अपनी ताकत बढ़ाई है. चीन में सामूहिक नेतृत्व की परंपरा रही है जिसमें महासचिव पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में समान लोगों में प्रथम होता है लेकिन अब शी के उदय के साथ देश सुप्रीम लीडरशीप की ओर बढ़ रहा है.
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आर्थिक नीतियों पर पकड़
चीन में आर्थिक नीतियां बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री पर रहती आई थी लेकिन अलग अलग समूहों के चेयरमैन के रूप में शी जिनपिंग ने यह जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली. इनमें 2012 में शी के सत्ता में आने के बाद बनी "सुधार और खुलापन" नीति और आर्थिक मामलों से जुड़ा एक पुराना समूह भी शामिल था.
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विश्वासघाती, भ्रष्ट और बेकार अफसरों पर कार्रवाई
सत्ता में आने के बाद शी ने भ्रष्ट, विश्वासघाती और बेकार अफसरों पर कार्रवाई के लिए एक अभियान चलाया और इनकी खाली हुई जगहों पर अपने सहयोगियों को बिठाया. इस कदम से उनकी ताकत का आधार कई गुना बढ़ गया. इस दौरान करीब 47 लाख लोगों के खिलाफ जांच की गई.
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भरोसेमंद लोगों की नियुक्ति
शी ने पार्टी के मानव संसाधन विभाग का प्रमुख अपने भरोसेमंद लोगों को बनाया. संगठन विभाग के उनके पहले प्रमुख थे झाओ लेजी, जिनके पिता ने शी के पिता के साथ काम किया था. उनके बाद 2017 में चेन शी ने यह पद संभाला जो शी के शिनघुआ यूनिवर्सिटी में सहपाठी थे.
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सेना पर नियंत्रण
2015 में शी जिनपिंग ने चीन की सेना में व्यापक सुधारों की शुरुआत की और इसके जरिये इस पर भरपूर नियंत्रण हासिल किया. इस दौरान इसमें काफी छंटनी भी हुई. सेना पर नियंत्रण ने शी जिनपिंग की मजबूती और बढ़ाई.
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घरेलू सुरक्षा तंत्र की सफाई
शी जिनपिंग ने घरेलू सुरक्षा तंत्र में व्यापक "सफाई" अभियान की शुरुआत की. इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में बहुत सारे जजों और पुलिस प्रमुखों ने अपनी नौकरी गंवाई. सत्ता तंत्र पर नियंत्रण की दिशा में यह कदम भी बहुत कारगर साबित हुआ.
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संसद और सुप्रीम कोर्ट की सालाना रिपोर्ट
2015 में राष्ट्रपति जिनपिंग ने चीन की संसद, कैबिनेट और सुप्रीम कोर्ट समेत दूसरी संस्थाओं को अपने कामकाज की सालाना रिपोर्ट के बारे में उन्हें ब्यौरा देने का आदेश दिया.
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मीडिया पर लगाम
2016 में शी जिनपिंग ने सरकारी मीडिया को पार्टी लाइन पर चलने का हुक्म दिया इसके मुताबिक उनका "सरनेम पार्टी है." इसके बाद से मीडिया की आजादी तेजी से घटी और शी से संबंधित प्रचार तेजी से बढ़ा.
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पार्टी के सारतत्व
2016 में शी जिनपिंग ने खुद को औपचारिक रूप से पार्टी के "सारतत्व" के रूप में स्थापित किया. पार्टी में इसे सर्वोच्च नेता कहा जाता है.
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पार्टी के संविधान में संशोधन
शी जिनपिंग ने 2017 में पार्टी के संविधान में संशोधन कर चीनी स्वभाव में समाजवाद पर अपने विचार को जगह दी. इस लिहाज से वो पार्टी के शीर्ष पर मौजूद नेताओं माओ त्से तुंग और डेंग शियाओपिंग की कतार में आ गये.
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पार्टी ही सबकुछ
2017 में उन्होंने चीन में पार्टी की भूमिका सर्वोच्च कर दी. शी जिनपिंग ने एलान किया, "पार्टी, सरकार, सेना, लोग, शिक्षा, पूरब, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, मध्य, हर चीज में नेतृत्व पार्टी ही करेगी."
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राष्ट्रपति का कार्यकाल
2018 में चीन के संविधान में संशोधन कर उन्होंने राष्ट्रपति के लिए दो बार के निश्चित कार्यकाल की सीमा खत्म कर दी. इसके साथ ही जिनपिंग के लिए जीवन भर इस पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया.
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पार्टी की वफादारी
2021 में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित कर पार्टी ने "टू एस्टबलिशेज" पर सहमति की मुहर लगा दी. इसके जरिये पार्टी ने शी जिनपिंग के प्रति वफादार रहने की शपथ ले ली. माओ त्से तुंग के बाद चीन में अब सिर्फ शी जिनपिंग हैं.
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इस बारे में सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रिपोर्ट छापी थी. हांग कांग से छपने वाले अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक सार्वजनिक की गई अपराधिक जांचों का ब्यौरा बताता है कि 2022 के मुकाबले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ पिछले साल जांच के मामलों में 40 फीसदी की वृद्धि हुई है.
हाल ही में चीन की सेना की सबसे विशेष यूनिट के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई और नौ बड़े अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया. इससे पहले कम्युनिस्ट पार्टी में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को निशाना बनाया गया था. और अब राष्ट्रपति शी ने वित्त और व्यापार क्षेत्र पर कार्रवाई करने का ऐलान किया है.
इसमें बैंकिंग और प्रॉपर्टी के अलावा कई सरकारी विभाग शामिल हैं. यह बात लोगों को इसलिए ज्यादा डरा रही है क्योंकि स्थानीय सरकारों पर कर्ज बढ़ रहा है और लोगों की खर्च क्षमता लगातार कम हो रही है.
हाल ही में शी जिनपिंग ने लोगों से कहा कि भ्रष्टाचार की "गंभीर और जटिल” समस्या से निपटने के लिए "और अधिक कोशिशों” की जरूरत है.
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विचारधारा सबसे ऊपर
चीन की घरेलू राजनीति में विशेषज्ञता रखने वाली एक संस्था सेरसस ग्रुप के सीईओ आलेक्स पेयेटे कहते हैं, "शी के लिए आर्थिक अस्थिरता सबसे बड़ी चिंता नहीं है जबकि पार्टी परेशानियों के बावजूद लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए बहुत हद तक विकास पर निर्भर है.”
पेयेटे कहते हैं कि विदेशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर कम करने और अर्थव्यवस्था को पूरी तरह पार्टी के नियंत्रण में लाने के लिए शी कई महत्वपूर्ण उद्योग क्षेत्रों को निशाना बनाने की तैयारी में हैं.
उन्होंने कहा, "उनके लिए सबसे मूल बात यह है कि कार्यकर्ता पार्टी की मूल विचारधारा से भटक रहे हैं. (जिसमें माना जाता है कि) भ्रष्टाचार सीधे तौर पर बाजार और विदेशी विचारों का नतीजा है.”
कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर विक्टर शी का मानना है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में अस्थिरता के बीच चीनी नेता को कोई विरोधाभास नजर नहीं आता.
वह कहते हैं, "वह चाहते हैं कि नेता और अधिकारी हर वक्त पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करें लेकिन उन्होंने अधिकतर अधिकारियों को मिलने वाली तन्ख्वाहों और अन्य फायदों में कमी कर दी है. इससे भ्रष्टाचार में लिप्त होने की वजह बढ़ती हैं, जिसका नतीजा गिरफ्तारियों के सिलसिले के रूप में सामने आता है.
विरोधियों को दबाने की कोशिश
शी की नीतियों के समर्थक कहते हैं कि उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से शासन में स्वच्छता बढ़ती है लेकिन आलोचक इसे विरोधियों को कुचलने के माध्यम के तौर पर भी देखते हैं.
इस अभियान पर अध्ययन करने वाले जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू वीडमान कहते हैं कि हाल में जिन लोगों को अभियान के तहत निशाना बनाया गया है उनमें उच्च पदों पर बैठे लोगों से ज्यादा मध्यम दर्जे के अधिकारी हैं.
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पिछले साल ही चीन ने अपने रक्षा और विदेश मंत्रियों को अचानक पदों से हटा दिया था. इसके अलावा सेना के बड़े जनरलों पर भी कार्रवाई हुई. इसका कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया लेकिन ऐसी अटकलें लगाई गईं कि ये मामले भ्रष्टाचार से जुड़े थे.
वीडमान कहते हैं कि हो सकता है, इसके पीछे शी के प्रति निष्ठा भी एक कारण रहा हो. इसी तर्क को आगे बढ़ाते हुए वह कहते हैं, "वित्त क्षेत्र पर कार्रवाई की वजह वहां फैला भ्रष्टाचार हो सकता है. या फिर ऐसा भी हो सकता है कि शी को लगने लगा हो कि ये क्षेत्र आत्मनिर्भर और ज्यादा ताकतवर होते जा रहे हैं, जो उनकी सत्ता के लिए खतरा हो.”