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आईएस यातना के शिकारों को सखारोव पुरस्कार

१३ दिसम्बर २०१६

महीनों तक आईएस के लड़ाकों की यातना सहने के बाद नादिया मुराद और लामिया अजी बशर उनके चंगुल से भाग निकलीं और जर्मनी पहुंचीं. तब से वे आईएस द्वारा बंधक बनाई गईं सैकड़ों लड़कियों की रिहाई के लिए अभियान चला रही हैं.

Nadia Murad und Lamija Adschi Baschar
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Kraufmann

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