चीन और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को अलग करना असंभवः अमेरिका
७ जुलाई २०२३बीते तीन हफ्तों के भीतर ये दूसरी बार है जब कोई अमेरिकी मंत्री औपचारिक बातचीत के लिए चीन में है. दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच जून में विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकेन बीजिंग पहुंचे थे. अब वित्त मंत्री जैनेट येलेन बीजिंग के दौरे पर आई हैं.
शुक्रवार का पूरा दिन येलेन सरकारी अधिकारियों और कंपनियों के साथ बातचीत में गुजारेंगी. अमेरिका ने पिछले महीनों में कई बार दोहराया है कि चीन के साथ संबंधों को खत्म करना कोई विकल्प नहीं है. इसके बजाय अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम तकनीक में चीन की भूमिका कम करके 'रिस्क' घटाने पर काम कर रहा है.
चीन पर लगाम
अपनी इसी नीति के तहत अमेरिका ने बहुत उन्नत चिप बनाने वाली तकनीक को चीन की पहुंच से दूर रखने के लिए उसकी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है. येलेन ने शुक्रवार को इसी बात पर फिर जोर देते हुए कहा, "हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं में तलाक नहीं चाहते. हम विविधता चाहते हैं. दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में संबंध टूटने का मतलब होगा वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर करना और ये नामुमकिन सी बात है".
चीन ने चिप बनाने के मटीरियल के निर्यात पर रोक लगाई
अमेरिका को चीन का जवाब
येलेन की इस यात्रा से पहले चीन ने 'चिप-वॉर' को और आगे बढ़ाते हुए सेमीकंडक्टरों में इस्तेमाल होने वाले चिप मेटल के निर्यात पर रोक लगा दी. दलील दी गई कि ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है. हालांकि अमेरिका की तरफ से इस पर कोई भड़काऊ बयान नहीं आया. बस इतना कहा गया कि चीन का ये कदम दिखाता है कि संबंधों में धैर्य और सप्लाई चेन में विविधता की कितनी जरूरत है.
गुरुवार को बीजिंग पहुंचने के बाद जैनेट येलेन ने ट्वीट किया, "जहां जरूरत है वहां अमेरिका अपने राष्ट्रीय सुरक्षा का ख्याल रखेगा लेकिन यह यात्रा बातचीत करने और गलतफहमियों को दूर करने का एक मौका है." हालांकि उनके लिए बीजिंग में यह समझाने की चुनौती होगी कि सेमीकंडक्टर तकनीक के मामले में अमेरिका के उठाए कदमों की पीछे चीन की बढ़ती आर्थिक ताकत को रोकने की रणनीति नहीं हैं.
एसबी/एनआर (एएफपी)