संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यमन के गृह युद्ध में पिछले 8 सालों में 11 हजार से ज्यादा बच्चे या तो मारे गए या घायल हुए हैं. संस्था के मुताबिक बच्चों की मौत सीधे युद्ध के अलावा युद्ध के प्रभावों के चलते भी हुई है.
विज्ञापन
यमन में चल रहे युद्ध में पिछले 8 सालों में 11 हजार से ज्यादा बच्चे हताहत हुए हैं. यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की ओर से दी गई है. यह भी पाया गया कि कुल 3 करोड़ जनसंख्या वाले यमन में22 लाख बच्चे कुपोषित हैं. इनमें से एक चौथाई की उम्र पांच साल से भी कम है.
संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ ने यह भी कहा है कियुद्ध के चलते हुई बच्चों की मौत के असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं. यहां बच्चे हैजा, चेचक और अन्य बीमारियों के प्रकोप से पीड़ित हैं. जबकि इनमें से कई बीमारियों का आसानी से वैक्सीन के जरिए इलाज किया जा सकता है.
कई हजार बच्चे गंदा पानी पीने से मरे
यमन में 2014 में लड़ाई छिड़ी थी. तब जल्द ही ईरान के समर्थन वाले हूथी विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद सऊदी अरब के समर्थन वाली सेना की मदद से बनाये एक गठबंधन सेना से उनका युद्ध चल रहा है.
जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें सारे युद्ध में नहीं मारे गए हैं. कई हजार बच्चों की मौत युद्ध के परोक्ष प्रभावों से हुई है. जिनमें गंदा पानी पीने से, महामारियों का प्रकोप होने से, भूख और अन्य प्रभावों के चलते भी बच्चों की जान गई है.
सात साल से जारी यमन की खूनी जंग खत्म होने वाली है?
सात साल से जंग में फंसे यमन में राहत के संकेत मिल रहे हैं. सऊदी अरब समर्थित यमनी सरकार और ईरान समर्थित हूथी बागी दो महीनों से जारी संघर्षविराम को बढ़ाने पर राजी हो गए हैं. यह जंग अब तक 3.8 लाख लोगों की जान ले चुकी है.
तस्वीर: REUTERS
जंग की शुरुआत
आम तौर पर उत्तरी यमन की पहाड़ियों में रहने वाले हूथी बागियों ने सितंबर 2014 में राजधानी सना की तरफ कूच किया. उन्होंने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह साहेल के वफादार सैन्य लड़ाकों के साथ गठबंधन किया. सालेह को 2011 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद सत्ता गंवानी पड़ी थी.
तस्वीर: Hani Mohammed/AP Photo/picture-alliance
सऊदी गठबंधन जंग में कूदा
फरवरी 2015 में राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी को राजधानी छोड़कर देश के दूसरे सबसे बड़े शहर अदन जाना पड़ा जो यमन के दक्षिणी तट पर स्थित है. मार्च 2015 में ईरान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी इस संकट में कूद गए और बागियों के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए.
तस्वीर: Hani Mohammed/AP Photo/picture alliance
राष्ट्रपति सऊदी अरब भागे
अमेरिका ने कहा कि वह सऊदी गठबंधन को खुफिया और साजो-सामान के स्तर पर मदद कर रहा है. लेकिन हूथी बागियों के कदम जब अदन की तरफ बढ़ने लगे तो हादी को भागकर सऊदी अरब जाना पड़ा. हालांकि सऊदी गठबंधन के हस्तक्षेप ने अदन पर नियंत्रण बनाए रखने में सरकार समर्थक बलों की मदद की.
तस्वीर: Xinhua/imago images
मानवीय मदद
जून 2018 में सरकारी बलों ने होदाईदा शहर को फिर से हासिल कर दिया. यह मानवीय मदद पहुंचाने के लिए अहम प्रवेश द्वार बना. उसी साल दिसंबर के महीने में स्वीडन में हुई वार्ता के बाद संयुक्त राष्ट्र ने होदाईदा में संघर्षविराम की घोषणा की.
तस्वीर: AHMAD AL-BASHA/AFP/Getty Images
दो खेमे
हूथी विरोधी खेमा दो धड़ों में बंटा है. एक हिस्सा है दक्षिण में रहने वाला अलगाववादी खेमा और दूसरा उत्तर में रहने वाला धड़ा हादी सरकार समर्थक है. सऊदी अरब और यूएई के हस्तेक्षप से पहले अलगाववादियों ने जनवरी 2018 में अदन के प्रेसिडेंशियल पैलेस पर कब्जा किया.
अगस्त 2019 में अमीरात समर्थित अलगाववादियों की हादी सरकार समर्थक सैनिकों से झड़प हुई. यानी हूथियों के विरोधी भी आपस में लड़ने लगे. इसके बाद सऊदी अरब ने सत्ता साझेदारी समझौते के लिए दोनों के बीच मध्यस्थता की और फिर नई सरकार बनी.
तस्वीर: AHMAD AL-BASHA/AFP/Getty Images
सऊदी अरब पर हमले
दूसरी तरफ हूथी बागियों ने सऊदी अरब के प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले शुरू कर दिए. 14 सितंबर 2019 को अबकियाक और खुरैस में तेल प्लांटों को निशाना बनाया गया, जिससे सऊदी अरब का तेल उत्पादन घटकर आधा हो गया था.
तस्वीर: AA/picture alliance
ईरान का इनकार
सऊदी अरब और अमेरिका ने इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन ईरान ने इससे इनकार किया. फरवरी 2021 अमेरिका ने सऊदी गठबंधन के सैन्य अभियानों को अपनी मदद बंद कर दी और हूथी बागियों को आतंकवादियों वाली ब्लैकलिस्ट से भी हटा दिया.
तस्वीर: Michael Gruber/AP Photo/picture alliance
तेल के लिए होड़
इसके कुछ समय बाद ही बागियों ने यमन के तेल संसाधनों से मालामाल मारिब प्रांत पर नियंत्रण के लिए अभियान शुरू किया. यह प्रांत उत्तर में सरकार के नियंत्रण वाला आखिरी इलाका था. तेल भंडारों पर नियंत्रण आर्थिक लिहाज से फायदेमंद होता है.
तस्वीर: AFPTV/AFP/Getty Images
यूएई पर हमले
जनवरी 2022 में हूथी विद्रोहियों ने यूएई को अपने निशाने पर लिया और सबसे पहले लाल सागर में अमीराती झंडे वाले एक जहाज को बंधक बना लिया. इसके बाद अबु धाबी में तेल के एक प्लांट पर मिसाइल हमले किए, जिसमें तीन लोग मारे गए.
तस्वीर: Emirates News Agency/dpa/picture alliance
अमेरिकी मदद
फरवरी में अमेरिका ने घोषणा की कि वह अपने युद्धपोत यूएसएस कोल और लड़ाकू विमानों को अबु धाबी भेज रहा है ताकि वह अपनी रक्षा को मजबूत कर सके. मार्च में विद्रोहियों ने सऊदी तेल प्लांटों पर कई ड्रोन हमले किए. ऐसे ही एक हमले में जेद्दाह में फॉर्मूला वन के सर्किट में बड़ी आग लग गई.
तस्वीर: DPPI media/picture alliance
संघर्षविराम का ऐलान
26 मार्च को विद्रोहियों ने एकतरफा तौर पर तीन दिन के संघर्षविराम का ऐलान किया. बाद में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने भी बाद में ऐसी ही घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हुआ यह संघर्षविराम 2 अप्रैल को यानी रमजान महीने के पहले दिन से शुरू हुआ.
तस्वीर: AHMAD AL-BASHA/AFP/Getty Images
उड़ानें शुरू
सऊदी गठबंधन होदाईदा में ईंधन की आपूर्ति और विद्रोहियों के नियंत्रण वाली राजधानी सना से व्यावसायिक उड़ानें शुरू करने के लिए सहमत हुआ. इससे अरब दुनिया के इस सबसे गरीब देश में शांति की कोशिशों को और बल मिला.
तस्वीर: KHALED ABDULLAH/REUTERS
सत्ता का हस्तांतरण
7 अप्रैल को राष्ट्रपति हादी ने घोषणा की कि वह नई नेतृत्व परिषद को अपनी शक्तियां सौंप रहे हैं. इस परिषद का नेतृत्व पूर्व गृह मंत्री राशद अल-अलीमी कर रहे हैं, जो परिषद हूथी बागियों से बात करेगी ताकि पूरे यमन में युद्ध विराम लागू हो और संकट का राजनीतिक समाधान तलाशा जा सके.
तस्वीर: Yemen TV/REUTERS
संघर्षविराम बढ़ाने पर सहमति
2 जून को सरकार और हूथी बागी संघर्षविराम को आगे बढ़ाने पर रजामंद हो गए. इस बारे में दो पक्षों की 11 घंटे तक बातचीत हुई, लेकिन आखिरकार दोनों पक्ष संघर्षविराम को और दो महीने बढ़ाने के लिए तैयार हो गए.
तस्वीर: REUTERS
15 तस्वीरें1 | 15
सिर्फ अक्टूबर से अब तक 62 बच्चों की मौत
एजेंसी के हालिया आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2015 से सितंबर, 2022 के बीच 3,774 बच्चों की मौत हुई है. युद्ध शुरू होने के बाद ही बच्चों और स्थानीयों लोगों पर आई मुसीबतों के देखते हुए यहां कई शांति प्रयास किए गए.
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच कराई गई अंतिम शांति संधि की सीमा 2 अक्टूबर को खत्म हुई. इसके बाद इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका. इसके बाद युद्ध फिर शुरू हो गया. और तब से अब तक 62 और बच्चों की जान इसमें गई है.