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यमन में युद्ध की बलि चढ़ रहे हैं बच्चे

१२ दिसम्बर २०२२

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यमन के गृह युद्ध में पिछले 8 सालों में 11 हजार से ज्यादा बच्चे या तो मारे गए या घायल हुए हैं. संस्था के मुताबिक बच्चों की मौत सीधे युद्ध के अलावा युद्ध के प्रभावों के चलते भी हुई है.

Jemen | Drohnen-Attacke in Taizz
तस्वीर: Abdulnasser Alseddik/AA/picture alliance

यमन में चल रहे युद्ध में पिछले 8 सालों में 11 हजार से ज्यादा बच्चे हताहत हुए हैं. यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की ओर से दी गई है. यह भी पाया गया कि कुल 3 करोड़ जनसंख्या वाले यमन में22 लाख बच्चे कुपोषित हैं. इनमें से एक चौथाई की उम्र पांच साल से भी कम है.

संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ ने यह भी कहा है कियुद्ध के चलते हुई बच्चों की मौत के असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं. यहां बच्चे हैजा, चेचक और अन्य बीमारियों के प्रकोप से पीड़ित हैं. जबकि इनमें से कई बीमारियों का आसानी से वैक्सीन के जरिए इलाज किया जा सकता है.

कई हजार बच्चे गंदा पानी पीने से मरे

यमन में 2014 में लड़ाई छिड़ी थी. तब जल्द ही ईरान के समर्थन वाले हूथी विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद सऊदी अरब के समर्थन वाली सेना की मदद से बनाये एक गठबंधन सेना से उनका युद्ध चल रहा है.

जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें सारे युद्ध में नहीं मारे गए हैं. कई हजार बच्चों की मौत युद्ध के परोक्ष प्रभावों से हुई है. जिनमें गंदा पानी पीने से, महामारियों का प्रकोप होने से, भूख और अन्य प्रभावों के चलते भी बच्चों की जान गई है.

सिर्फ अक्टूबर से अब तक 62 बच्चों की मौत

एजेंसी के हालिया आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2015 से सितंबर, 2022 के बीच 3,774 बच्चों की मौत हुई है. युद्ध शुरू होने के बाद ही बच्चों और स्थानीयों लोगों पर आई मुसीबतों के देखते हुए यहां कई शांति प्रयास किए गए.

संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच कराई गई अंतिम शांति संधि की सीमा 2 अक्टूबर को खत्म हुई. इसके बाद इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका. इसके बाद युद्ध फिर शुरू हो गया. और तब से अब तक 62 और बच्चों की जान इसमें गई है.

एडी/एनआर (एएफपी)

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