कैसे कुछ जानवर बिना साथी के बच्चे पैदा कर लेते हैं
४ जुलाई २०२४
हाल ही में ब्रिटेन में एक अजगर ने बिना किसी साथी के 14 बच्चों को जन्म दिया. क्या यह कोई चमत्कार है? या शायद किसी गुप्त मुलाकात का नतीजा? शायद नहीं.
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कई प्रजातियों में मादाओं के पास एसेक्शुअलि, यानी बिना नर के शुक्राणु, के प्रजनन करने की क्षमता होती है. इस प्रक्रिया को पार्थिनोजेनेसिस कहा जाता है, जो उन ग्रीक शब्दों से आया है जिनका मतलब होता है "वर्जिन" और "जन्म". कुछ पौधे, कीड़े, उभयचर, सरीसृप, पक्षी और मछलियां भी यह कर सकते हैं.
कुछ ही दिनों पहले अमेरिका के नॉर्थ कैरोलाइना में शार्लट नाम की एक ऐसी स्टिंगरे मछली की मौत हो गई जिसके बारे में माना जाता था कि वह भी इसी प्रक्रिया से गर्भवती हुई थी. हालांकि उसने कभी जन्म नहीं दिया और अब यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता की वह कभी गर्भवती थी भी या नहीं.
कैसे होता है पार्थेनोजेनेसिस
कुछ ततैया, क्रस्टेशिया और छिपकलियां सिर्फ पार्थेनोजेनेसिस के जरिए ही प्रजनन करते हैं. लेकिन दूसरी प्रजातियों में यह दुर्लभ है और अक्सर कैद में देखा जाता है.
फ्लोरिडा के सारासोटा में मोटे मरीन लेबोरेटरी एंड एक्वेरियम के डेमियन चैपमैन कहते हैं कि यह ऐसे हालात में ज्यादा होता है जब मादाओं को नरों से दूर कर दिया जाता है. चैपमैन वहां शार्क्स एंड रेज कंजर्वेशन रिसर्च प्रोग्राम के निदेशक हैं.
ब्रिटेन वाला अजगर एक छह फुट का और 13 साल का ब्राजीलियाई रेनबो बोआ कंस्ट्रिकटर था, जिसका नाम था रोनाल्डो. सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ कॉलेज ने उसे रखा हुआ था और उसका कहना है कि नौ सालों तक किसी भी सांप से संपर्क में ना आने के बाद रोनाल्डो ने पिछले हफ्ते उन बच्चों को जन्म दिया.
पार्थेनोजेनेसिस के होने का एक तरीका तो यह है कि जब एक मादा का अंडा एक और कोशिका में मिल जाए. यह कोशिका अक्सर उस प्रक्रिया के बाद बच जाती है जिसके तहत मादा अंडा बनाती है.
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क्या होता है ऐसे पैदा हुए बच्चों का
उस कोशिका को पोलर बॉडी कहा जाता है और यह कोशिका अंडे को वो जेनेटिक जानकारी देती है जो उसे सामान्य रूप से शुक्राणु से मिलती. कोशिका का विभाजन शुरू हो जाता है और इस प्रक्रिया से एक भ्रूण का जन्म होता है.
बच्चे पैदा करने के लिए इन्हें सेक्स की जरूरत नहीं
अगर बच्चा पैदा करना हो तो एक योग्य साथी की सबसे पहले जरूरत होगी. लेकिन कुछ जीवों ने इस प्रक्रिया से पूरी तरह बचने का तरीका निकाल लिया है. इन जीवों में संतानोत्तपत्ति के लिए नर और मादा का मिलन जरूरी नहीं है.
तस्वीर: Imago/blickwinkel/McPhoto/I. Schulz
बगैर जोड़ी के बच्चा!
लैंगिक प्रजनन उत्पत्ति का सफल विचार है जिसके बारे में इंसानों को भी जानकारी है. आपको बच्चा पैदा करना हो तो एक योग्य साथी की सबसे पहले जरूरत होगी. कुछ जीवों ने इस लंबी प्रक्रिया से पूरी तरह बचने का तरीका निकाल लिया है. वे अलैंगिक हैं और खुद का क्लोन बना लेते हैं.
तस्वीर: Last Refuge/Mary Evans Picture Library/picture alliance
वर्जिन कैंसर
ये केकड़े इसका एक अच्छा उदाहरण है. मीठे पानी में पलने वाले इन केकड़ों ने 2003 में पहली बार दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. जर्मन जीवविज्ञानियों ने देखा कि एक पूरी किस्म में केवल मादाएं ही थीं, जो खुद का क्लोन बना लेती थीं. इन केकड़ों की इस खूबी के बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी.
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म्यूटेशन से क्लोन तक
मार्बल कैंसर लैंगिक प्रजनन से कैसे दूर हुए यह साफ नहीं है. हालांकि इनके जीन का विश्लेषण करने से पता चला है कि ये उत्तर अमेरिकी क्रेफिश प्रजाति से जुड़े हुए हैं. वैज्ञानिक को आशंका है कि इनमें से किसी क्रेफिश का म्यूटेशन 1990 के दशक में हुआ जिसके कारण ये केकड़े लैंगिक प्रजनन से अलैंगिक प्रजनन की ओर चले गए.
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लाखों साल की उम्र
ब्डेलॉयडी नाम का यह जीव बगैर सेक्स के पिछले 4 करोड़ सालों से रह रहा है. इस लंबे अंतराल में पृथ्वी पर पर्यावरण की स्थिति में कई बार बदलाव हुए लेकिन यह जीव अब भी अस्तित्व में है और वो इसलिए क्योंकि यह दूसरे जीवों से जीन लेकर अपने डीएनए में शामिल कर लेता है जैसे कि बैक्टीरिया या फिर फफूंद.
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आरंभिक निवासियों के लिए आदर्श
अलैंगिक प्रजनन का सबसे बड़ा फायदा है कि केवल एक महिला ही पूरी आबादी की शुरुआत कर सकती है. तस्वीर में दिख रहा सरीसृप वर्जिन गेको है. यह प्रशांत महासागर के बिल्कुल अलग थलग द्वीपों पर रहता है और पेड़ पौधों के साथ बहक कर शायद किनारों पर पहुंच गया. अगर मादाएं प्रजनन के लिए पुरुषों पर निर्भर हों तो संदिग्ध परिस्थितियों में वे ऐसा कभी नहीं करेंगी.
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बंधन से निकलती है युक्ति
सेल्फ क्लोनिंग कोई बहुत दूर की कौड़ी नहीं है यह बात कैद में रह रहे जीवों ने दिखा दिया. 2006 में लंदन के चिड़ियाघर में रह रही वर्जिन मादा कोमोडो ड्रैगन ने चार बच्चों को जन्म दिया. चारों बच्चे नर थे और जाहिर है कि उनके क्लोन वहां मौजूद नहीं थे क्योंकि बच्चों में केवल मां का डीएनए था.
तस्वीर: Imago/blickwinkel/McPhoto/I. Schulz
विकल्प के रूप में सेक्स
माराम झींगा, ब्डेलॉयडी और गेको तो हमेशा मादा होते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी जीव हैं जिनके लिए सेक्स वैकल्पिक है. इनमें एक उदाहरण है यह सतरंगी छिपकली. यह छिपकली मध्य और दक्षिण अमेरिका में रहती है. इनकी कुछ आबादी तो केवल मादाओं की है लेकिन कुछ ऐसी भी आबादियां हैं जिनमें नर और मादा साथ रहते हैं.
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एक्वेरियम में कुमारी
यहां तक कि कैद में रहने वाली शर्कों में भी अलैंगिक प्रजनन देखा गया है. उदाहरण के लिए 2007 में अमेरिकी एक्वेरियम में एक शार्क बिना किसी नर के संपर्क में आये गर्भवती हो गई और फिर एक मादा बच्चे को जन्म दिया. बंबू शार्क और जेब्रा शार्क पहले ही क्लोन को जन्म दे चुकी हैं.
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तो क्या अब पुरुष बेकार हो गए हैं?
स्तनधारियों में अलैंगिक प्रजनन अब तक नहीं देखा गया है. वैज्ञानिकों को संदेह है कि हमारे लिए बच्चे पैदा करना बेहद जटिल है. यह एक अच्छी बात है क्योंकि लैंगिक प्रजनन म्यूटेशन से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम कर देता है. इसके साथ ही हर बार जीन का नया मिश्रण बनता है जो नए जलवायु की परिस्थितियों के अनुसार हमें खुद को ढालने में मदद करता है.
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चैपमैन का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है पार्थेनोजेनेसिस प्रकृति में कितना फैला हुआ है. लेकिन यह कैद के बाहर स्मॉलटूथ सॉफिश नाम की मछलियों में देखा गया गया है, जो फ्लोरिडा के तट के करीब पानी में पाई जाने वाली एक लुप्तप्राय प्रजाति है.
चैपमैन कहते हैं, "हमें लगता है कि मादाएं इस तरह कुछ मौकों पर प्रजनन करती हैं क्योंकि उन्हें कोई नर मिला नहीं, और ऐसा इसलिए क्योंकि नर हैं ही बहुत काम." उन्होंने यह भी बताया कि पार्थेनोजेनेसिस से पैदा हुए बच्चों में जेनेटिक विविधता कम होती है, जिसकी वजह से विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
उन्होंने कहा, "पशुओं में पार्थेनोजेनेसिस के मुकाबले यौन प्रजनन से एक बार में ज्यादा संख्या में बच्चे पैदा होते हैं. और आप अक्सर देखें कि पार्थेनोजेनेसिस से एक साथ पैदा हुए बच्चे किसी न किसी तरह से सही तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं."