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राजनीतिबांग्लादेश

कैसे सपने देख रहा है बांग्लादेश का युवा मतदाता

४ जनवरी २०२४

बांग्लादेश में दशकों से दो शक्तिशाली महिलाओं के नेतृत्व में उनकी पार्टियां सड़कों पर राजनीतिक लड़ाई लड़ती आई हैं, जो हिंसक भी हो जाती है. लेकिन अब जब एक बार फिर चुनाव होने हैं, देश में पीढ़ीगत बदलाव के संकेत नजर आ रहे हैं.

ढाका
ढाका में एक चुनावी पोस्टर पर शेख हसीना की तस्वीरतस्वीर: Mohammad Ponir Hossain/REUTERS

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक टेक्नोलॉजी सेंटर के अंदर कुछ युवा महिलाएं एक कंप्यूटर के इर्द गिर्द घेरा बना कर बैठी हैं. वो कोडिंग की एक समस्या पर चर्चा कर रही हैं. इनमें से कई देश की नई चमचमाती मेट्रो ट्रेन लेकर रोज ढाका आती हैं और रास्ते में अपने अपने स्मार्टफोन पर सोशल मीडिया पर ताजा अपडेट देखती रहती हैं.

चुनावों पर विपक्ष के बहिष्कार और राजनीतिक कटुता की छाया के बीच करोड़ों युवा मतदाता एक अलग रिवायात की तलाश कर रहे हैं. बांग्लादेश, दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से है जहां एक फलता फूलता टेक्नोलॉजी उद्योग, जीवंत ई-कॉमर्स और एक बढ़ता पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की बदौलत युवा राजनेताओं से बदलाव की मांग कर रहे हैं.

कुछ युवा सुन रहे हसीना की बात

मुख्य विपक्षी नेता पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया चुनावों का बहिष्कार कर रही हैं, लेकिन चुनाव के ठीक पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को उनकी सरकार के "डिजिटल बांग्लादेश" प्रोजेक्ट के जरिए लुभाने की कोशिश कर रही हैं.

शेख हसीना की पार्टी के युवा मोर्चा के एक कार्यक्रम में एक कार्यकर्तातस्वीर: Mohammad Ponir Hossain/REUTERS

उनकी सरकार का वादा है 2041 तक एक "स्मार्ट बांग्लादेश" बनाना और 2030 तक युवाओं के लिए 1.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा करना. बीते शनिवार ढाका के बाहर एक विशाल चुनावी रैली में अपने भाषण में हसीना ने युवा मतदाताओं से उनका समर्थन मांगा "ताकि बांग्लादेश की तरक्की जारी रहे."

कुछ युवा उनकी बात सुन रहे हैं. ढाका यूनिवर्सिटी में कानून पढ़ाने वाली 26 साल की शाहरिमा तंजीन अर्नी ने हसीना को एक साहसी नेता बताया जिसके पास एक डिजिटल भविष्य की परिकल्पना है.

अर्नी का कहना है, "उनके पास बीते जमाने के मूल्य हैं लेकिन साथ ही उनके प्रगतिशील दिल में प्रगतिशील विचार हैं, जो बांग्लादेश के समाज में बहुत आम नहीं है."

पिछले दो चुनावों पर मतदान में धांधली और डराने-धमकाने के आरोपों की छाया रही, लेकिन अधिकारियों ने इन आरोपों को ठुकरा दिया. लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने की कोशिश कर रही हसीना ने स्वतंत्र और न्यायपूर्ण चुनावों का वादा किया है.

लेकिन उनके आलोचकों का आरोप है कि वो समावेशी चुनावों की प्रक्रिया को कमजोर कर रही हैं और विपक्ष को दबा रही हैं. हसीना विपक्ष को हिंसा का जिम्मेदार मानती हैं. युवा मतदाताओं का कहना है कि उन्हें इस अति ध्रुवीकरण वाली राजनीतिक संस्कृति और लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर चिंता से ब्रेक चाहिए.

भ्रष्टाचार और परिवारवाद से नाराजगी

ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र अब्दुर रहीम रोनी का कहना है, "मैं चाहता हूं कि बांग्लादेश के लोग अपने मताधिकार का स्वतंत्रता से इस्तेमाल करें, उनकी अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित की जाए और न्याय प्रणाली स्वतंत्र रूप से चले. मैं यह भी चाहता हूं कि कोई भी राजनीतिक दल या सरकार संवैधानिक संस्थानों के साथ हस्तक्षेप ना करे."

ढाका में सड़कों के किनारे लगे अवामी लीग के पोस्टरतस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक देश की एक चौथाई आबादी 15-29 साल के आयु वर्ग में है. देश के करीब 11.91 करोड़ मतदाताओं में से करीब एक तिहाई 18 से 30 साल की उम्र के हैं. अक्टूबर में बांग्लादेश सिटीजन प्लेटफार्म फॉर एसडीजीस ने 18-35 साल के 5,075 लोगों के बीच ऑनलाइन एक सर्वे करवाया था, जिसके नतीजे दिलचस्प थे.

सर्वे ने पाया कि 69 प्रतिशत युवाओं को लगता है कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद देश के विकास के आगे मुख्य अड़चनें हैं. ढाका की ब्राक यूनिवर्सिटी में विज्ञान पढ़ने वाले 20 साल के रउल तम्जीद रहमान कहते हैं, "यह हमारे राजनेताओं और नीति निर्धारकों से हमारी पीढ़ी की मांग है." रहमान पहली बार चुनावों में मतदान करेंगे.

श्रीलंका में स्थित थिंक टैंक "लिरनीशिया" में सीनियर पॉलिसी फेलो अबू सईद खान ने बताया, "डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार एक ऐसा चमत्कार है जो आर्थिक परिदृश्य में बदलाव ला रहा है और युवाओं की इसमें अग्रणी भूमिका है." बांग्लादेश टेलीकम्यूनिकेशन रेगुलेटरी कमीशन के मुताबिक देश में 12.7 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं और करीब 11.4 करोड़ इंटरनेट सब्सक्राइबर हैं.

सरकार ने 8,500 ग्रामीण डाकघरों को स्थानीय समुदायों के लिए ई-सेंटर बनाने में अरबों रुपये खर्च किए हैं. कई नए स्टार्टअप खुले हैं, जिनमें से कुछ में सिलिकॉन वैली के निवेशकों ने भी पैसे लगाए हैं. मोबाइल से लेन देन भी आम हो गया है. कपड़ा उद्योग में काम करने वाले 40 लाख से ज्यादा कर्मी एसएमएस-आधारित मनी ट्रांसफर ऐप के जरिए ग्रामीण इलाकों में अपने परिवारों को पैसे भेजते हैं. इनमें से अधिकांश महिलाएं हैं.

कई आर्थिक चुनौतियां हैं

लेकिन महंगाई और कम होता विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है. 2022 में सरकार को देश की वित्तीय हालात संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 4.5 अरब डॉलर का कर्ज लेना पड़ा. लेकिन सरकार को उम्मीद है कि 1971 में 8.75 अरब डॉलर मूल्य से 2022 में 460 अरब डॉलर मूल्य की बन जाने वाली अर्थव्यवस्था जल्द ही 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगी.

पानी या हवा नहीं, ध्वनि प्रदूषण से सबसे ज्यादा परेशान ढाका

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खान का कहना है, "सीधी सी बात है कि मोबाइल वॉइस और मोबाइल वीडियो अब अर्थव्यवस्था की ऑक्सीजन बन गए हैं." लेकिन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार 2018 के डिजिटल सुरक्षा कानून और हाल ही में उसकी जगह आए साइबर सुरक्षा कानून को लेकर चिंताओं के साथ आया है.

सरकार का कहना है कि भ्रामक जानकारी, हैकिंग और लोगों के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिशों से लड़ने के लिए इन कानूनों की जरूरत है. आलोचक और अधिकार कार्यकर्ता कहते हैं कि सरकार ने पिछले कानून का इस्तेमाल विरोध और बोलने की आजादी को दबाने के लिए किया.

आलोचकों का यह भी कहना है कि नया कानून भी कोई खास अंतर नहीं ले कर आएगा. मार्च में एक जाने माने अखबार के पत्रकार को झूठी खबर फैलाने के आरोप में इसी कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था.

फॉरेन इन्वेस्टर्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर टीआईएम नुरुल कबीर ने बताया कि चुनौतियों के बावजूद बांग्लादेश का डिजिटल विकास युवाओं को आकर्षित कर रहा है. उनका मानना है, "यही वो नई पीढ़ी है जो आगे बढ़ कर नई नई चीजें ला रही है. एक विकसित बांग्लादेश के लिए, ये युवा, ये डिजिटल ड्रीमर ही रीढ़ की हड्डी हैं. महिलाएं भी भविष्य की इस यात्रा में बढ़ती संख्या में जुड़ रही हैं."

टेक उद्यमी अचिया नीला उन्हीं में से एक हैं. वो कहती हैं, "टेक्नोलॉजी मेरी जिंदगी में बेहद जरूरी है. मैं जो भी करती हूं उसमें वह मौजूद है." उन्होंने यह भी कहा कि टेक्नोलॉजी ग्राहकों और अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ जुड़ने में मदद करता है.

रविवार को होने वाले चुनावों से पहले, नीला चाहती हैं कि राजनीतिक दल झगड़ने की जगह बांग्लादेश को और विकसित करने के लिए मिलकर काम करें. उनका कहना है कि कई युवा भ्रष्टाचार और नौकरशाही से परेशान हो गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि ये युवा बेहतर मौकों की तलाश में दूसरे देश भी चले जा सकते हैं.

सीके/एए (एपी)

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