अफ्रीका में युवा महिलाएं आ रही हैं आगे
१० मई २०१९Young woman takes Zambia by the reins
ये हैं अफ्रीका की सबसे ताकतवर महिलाएं
ये हैं अफ्रीका की सबसे ताकतवर महिलाएं
अफ्रीकी महाद्वीप में राजनीतिक और सामाजिक मोर्चे पर महिलाओं को अब भी पुरुषों के दबदबे से जूझना पड़ रहा है. लेकिन कई महिलाओं ने वहां मिसाल कायम की है. चलिए मिलते हैं अफ्रीका की सबसे ताकतवर महिलाओं से.
पहली महिला राष्ट्रपति
एलन जॉनसन सरलीफ किसी अफ्रीकी देश की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति हैं. 2006 से 2018 तक लाइबेरिया की राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने बेरोजगारी, राष्ट्रीय कर्ज और इबोला जैसी समस्याओं से लड़ने के लिए काम किया. जॉनसन सरलीफ को 2011 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया. फिलहाल वह अफ्रीका में प्रवासन को लेकर यूएन की उच्च स्तरीय समिति की प्रमुख हैं.
इथियोपिया में बदलाव
साहले वॉर्क जेवदा अक्टूबर 2018 से इथियोपिया की राष्ट्रपति हैं. इथोपिया में राष्ट्रपति औपचारिक तौर पर ही राष्ट्र प्रमुख होता है जबकि असल सत्ता प्रधानमंत्री और कैबिनेट के पास होती है. फिर भी, राष्ट्रपति पद पर जेवदा का चुनाव बड़ी बात है क्योंकि इथियोपिया में कारोबार से लेकर राजनीति तक पुरुषों का ही दबदबा है. लेकिन इथियोपिया का कैबिनेट इस मामले में एक मिसाल है जिसकी आधी सदस्य महिलाएं ही हैं.
फ्रेंच दुनिया
लुइजे मुशीकिवाबो रवांडा की विदेश मंत्री रह चुकी हैं और 2019 में वह फ्रेंच बोलने वाले देशों और क्षेत्रों के संगठन इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ला फ्रांकोफोनी की महासचिव का पद संभालने वाली हैं. हालांकि रवांडा ने एक दशक पहले फ्रेंच की जगह अंग्रेजी को प्रशासन, कारोबार और शिक्षा की भाषा बनाया. बावजूद इसके मुशीकिवाबो को संस्था का महासचिव चुना गया है. फ्रांस के राष्ट्रपति माक्रों ने उनका समर्थन किया था.
एक महिला और 193 देश
नाइजीरिया की अमीना मोहम्मद जनवरी 2017 से संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव हैं. उन्होंने 2002 से लेकर 2005 तक संयुक्त राष्ट्र के सहस्राब्दि लक्ष्यों पर काम किया है. बाद में वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून की विशेष सलाहकार भी रहीं. उन्होंने नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी की सरकार में एक साल पर्यावरण मंत्री के तौर पर भी काम किया.
पहली महिला पीएम
नामीबिया में प्रधानमंत्री साहा कुंगोंगेल्वा मार्च 2015 से सरकार का नेतृत्व कर रही हैं. वह नामीबिया की प्रधानमंत्री बनने वाली पहली महिला हैं. इससे पहले वह देश की वित्त मंत्री भी रह चुकी हैं और देश के राष्ट्रीय कर्ज को कम करने को लेकर उन्होंने काफी काम किया है. वैसे वह पेशे से अर्थशास्त्री हैं और 1995 से नामीबिया की राष्ट्रीय असेंबली की सदस्य हैं.
तेल से मालामाल
अंगोला के पूर्व राष्ट्रपति जोसे डोस सांतोस की बेटी इसाबेल डोस सांतोस अफ्रीका की सबसे अमीर महिला हैं. इसमें से कुछ दौलत उन्होंने तब जमा की जब उनके पिता ने 2016 में उन्हें सरकारी तेल कंपनी का निदेशक बनाया था. लेकिन अंगोला में नए राष्ट्रपति के आते ही उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. साथ ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू हो गई.
गोपनीयता और मेहनत
जेनेट कबीला डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के राष्ट्रपति जोसेफ कबीला की जुड़वा बहन और पूर्व राष्ट्रपति लौरें कबीला की बेटी हैं. वह अपनी गोपनीयता और परिश्रम के लिए जानी जाती हैं. वह संसद की सदस्य हैं और उनके पास अपनी टीवी, इंटरनेट और रेडियो कंपनी है. 2015 में फ्रांस की एक पत्रिका ने उन्हें डीआरसी की सरकार में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बताया था.
युवा कंधों पर जिम्मेदारी
कमीसा कामारा माली के इतिहास में सबसे उम्र की और देश की पहली महिला विदेश मंत्री हैं. विदेश नीति में वह खासी नई हैं. राष्ट्रपति इब्राहिम बुबाकर कीटा ने जब दोबारा चुनाव जीता तो 35 साल की कामारा को विदेश मंत्री बनाया. वह माली की कैबिनेट में शामिल 11 महिला सदस्यों में से एक हैं. देश की कैबिनेट में कुल 32 मंत्री हैं.
तेल का खेल
नाइजारिया की फोलोरूंसो अलाकीजा के पास 1.5 अरब डॉलर की दौलत है. वह फाफमा ऑइल नामक कंपनी की मालिक है और अफ्रीका की तीसरी सबसे अमीर महिला हैं. फॉर्ब्स पत्रिका ने उन्हें दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में भी जगह दी है. 68 वर्षीय अलाकीजा ने एक फाउंडेशन भी बनाया है जो विधवा और अनाथ लोगों की मदद करता है.